नेप्च्यून और प्लूटो की खोज की प्रत्याशा का संक्षिप्त इतिहास और सटीक बिंदु की भविष्यवाणी जहां वे पाए गए होंगे।
नेप्च्यून और प्लूटो की खोज की सूचना
विभिन्न राष्ट्रीयताओं के दो खगोलविदों, अर्थात् एक ब्रिटिश और एक फ्रांसीसी, ने 1846 में एक अभी भी अज्ञात ग्रह के अस्तित्व की घोषणा की, जो यूरेनस ग्रह की कक्षा में हस्तक्षेप करता था।
यद्यपि वे एक-दूसरे को नहीं जानते थे, वे गणना करने में कामयाब रहे कि नया ग्रह आकाश में कहां दिखाई देगा और इसकी तुरंत पुष्टि दूसरे जर्मन खगोलशास्त्री ने की, जिन्होंने अन्य दो विद्वानों द्वारा भविष्यवाणी की गई सटीक बिंदु पर खोज की।
नए ग्रह को नेप्च्यून नाम दिया गया था और इसकी कक्षा में अनियमितताओं के कारण 1930 में प्लूटो की खोज भी हुई।
कोंडविडी "नेप्च्यून और प्लूटो की खोज कैसे अपेक्षित थी?"